Goat Poisoning Treatment in Hindi

Goat Poisoning Treatment in Hindi

नमस्कार दोस्तो,
आप सभी का स्वागत है www.goatfarming.ooo इस वेबसाइटपर, दोस्तो आज हम एक ऐसे पशुपालन सबंधी समस्या पर जानकारी हासिल करेंगे जिसके लिए काफी सारे पशुपालक हमेशा चिंतित होते है। दोस्तो जो लोग Goat Farming करते है उन्हें पता होगा कि बकरिया खाने में कितनी नखरैल होती है। बकरिया खुलेमें (जंगल/खेत) कभी भी एक पौधे या पेड़ का चारा नही खाती, और उनके खाने की रफ्तारभी काफी तेज होती है। ऐसेमें उनके खाने में कईबार ऐसेभी पौधे आते है जो जहरीले होते है, या पौधों पर बैठे कीड़ो की वजहसे भी बकरियो को विषबाधा हो सकती है (Goat Poisoning)। जिसके कारण बकरियों की मृत्युभी होजाती है। आज इस पोस्ट में मैं आपको बकरियो को होनेवाली विषबाधा "Goat Poisoning" का सीधा साधा प्राथमिक इलाज बताने जा रहा हूं।
Goat Poisoning Treatment in Hindi
Goat Poisoning Treatment

Poisonous Plant for Goat Found In India
बकरियो के लिए भारत मे पायेजाने वाले विषयले पेड़ पौधे।

किसी भी चरनेवाले जानवरो के लिए सबसे धोकादायक विषयले पेड़पौधों (Poisonous Plant) का सेवन करना होता है। वैसे जानवरो में कुदरतन विषैला पेड़ पौधों को पहचानने की प्राकृतिक समझ होती है, मगर कभी कभी गलती से या जाने अनजाने में जानवरों विषयले पेड़पौधे खा लेते है। जिसकारण उन्हें विषबाधा का सामना करना पड़ता है। अगर इस विषबाधा का जल्द से जल्द इलाज नही किया गया तो जानवरो की मृत्युभी हो सकती है।
आइये जानते है भारत मे कौन कौनसे पेड़ पौधे पायेजाते है जो जानवरो के लिए विषैला है।

1) Dhtura / धतूरा
धतूरा स्ट्रैमोनियम भारत में पाए जाने वाले सबसे जहरीले पौधों में से एक है और इसका उपयोग कई संस्कृतियों में जहर के रूप में भी किया जाता है।  धतूरा के पौधे के सभी भाग जहरीले और कामोत्तेजक होते हैं।

2) Calotropis / रुई / मदर
ये पौधा आमतौरपर बियाबानो में या फिर ऐसे जगह में उगते है जहाँपर उस जमीन का ज्यादा कोई इस्तेमाल नही करता। इस पेड़ के पत्तो और फूल तोड़नेपर एक गाढा दूधसा द्रव निकलता है जो कि विषैला होता है।

3) Parthenium / गाजर घास
ये भारत मे सबसे ज्यादा पायेजानेवाले खरपतवारों में से एक है। ये आमतौर पर बंजर जमीन या खेतो के बांधो पर आसानी से फलते फुलते है, इसके सेवन से जानवरो में दूध सबंधी परेशानियां और बीमारिया साथही इंसानो में श्वसन सबंधी परेशानियां के दिखाई देती है।

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4) Nerium / कनेर
भारत मे पायेजानेवाले सबसे जहरीले पेड़ पौधों में कनेर पौधा है। ये पौधे के फूल से लेकर पत्तों तक सभी विषैला होता है। आमतौर पर ये पौधे उनके सुवासीक और रंगीन फूलो की वजह से बागीचों में लगाये जाते है।

5) Ricinus / एरंडी
भारत मे एरंडी का तेल इसी पौधे से निकला जाता है जिसे इंग्लिश में Castord Oil कहते है। आमतौरपर ये पौधा विषैला नही होता पर इसकी बीज काफी विषैले होते है।

इसके अलावा औरभी पेड़ / पौधे है जो जानवरो के लिए काफी विषैले होते है। जानवरो ने गलती से इसे खा लिया तो जानवरो को विषबाधा हो सकती है। साथही हालके दिनोंमें खतो में कीटनाशक और तन नाशक का इस्तेमाल भी काफी बढगया है। यदि ये किटनाशक या तननाशक मारा हुवा चारा या घास बकरियो ने खा लिया तो उन्हें Goat poisoning हो सकती है।

Symptoms of Poisoning in Goats.

बकरियो को अगर विषबाधा होगयी तो बकरिया निम्नलिखित तरह के लक्षण दिखती है। अलग अलग परिस्थितियों में लक्षण अलग अलग हो सकते है । लेकिन इसमें शामिल हैं:


 - मुंह में झाग आना , खासकर अगर यह हरे रंग का हो।
 - उल्टी (दुर्लभ, लेकिन संभव)
 - दस्त
 - बकरियो का डगमगाना
 - कांपना
 - चीखना
 - तेज सांस लेना या सांस लेने में दिक्कत होना
 - सुस्त पड़ना 
 - मृत्यु

First Aid Treatment of Goat Poisoning

दोस्तो, अगर ऊपर दिए लक्षण आपको आपके बकरी में दिखाई देते है तो सबसे पहले निश्चित करे कि बकरियो ने कोई विषैला पेड़ पौधे तो नही खा लिया। अगर आपको पता लगे कि बकरी ने कोई विषैला पेड़ पौधा या कोई विषैली चीज खा लिया है तो, बकरी को सबसे पहले पशुचिकित्सा की जरूरत होती है। मगर भारत मे अभी भी कई इलाकों में पशुचिकिस्तक कि उपलब्धता नही है ऐसे में बकरियो को First Aid यानी प्राथमिक उपचार करना काफी जरूरी होता है। तो आइये जानते है कि Goat Poisoning में बकरियो  का इलाज कैसे करना है।
बकरियों को होनेवाली विषबाधा के लिए आज हम Activated Charcoal किस तरह उपयोगी होता है इस बारेमे जानकारी हासिल करेंगे।

Activated Charcoal 

दोस्तों बकरियों को होनेवाली Goat Poisoning का इलाज करने के लिए हम आज Activated  Charcoal  का इस्तेमाल कैसे करते है इसबारेमे जानकरी हासिल करेंगे। तो आइये जानते है क्या होता है Activated Charcoal,
और इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है।

History of Activated Charcoal 

Activated  Charcoal का इस्तेमाल काफी सदियों से विश्वभर में किया जाता आरहा है। Activated Charcoal  का सबसे पहले इस्तेमाल कियेजाने का उल्लेख ३७५० ई.सा. पूर्व मिस्त्रियो व्दारा किये जानेके प्रामण मिलते है, साथही १५०० ई.सा. पूर्व में मिस्त्रवासी इसका इस्तेमाल आँतोकि बीमारियों के इलाज के लिएभी कियेजाने के प्रमाण है, ४०० ई.सा पूर्व प्राचीन हिन्दुओ ने Activated Charcoal का इस्तेमाल दूषित पानी को स्वच्छ करने के लिए इस्तेमाल किये जाने के प्रमाण मिलते है। 

What is  Activated Charcoal Used For ?

दरअसल Activated charcoal इस शब्द का हिंदी में अर्थ होता है  "सक्रिय लकड़ी का कोयला"। आजके दौरमे Activated Charcoal का उपयोग घरो में अस्पतालों में और इंसानो और पालतू पशुओ के इलाज के लिए बड़ी मात्रा में किया जा रहा है।  जहांतक पशुओ की बात है, activated charcoal  पशुओ को होनेवाली विषबाधा के इलाज लिए काफी उपयुक्त है।

How Does Activated Charcoal Work  ?

Activated Charcoal दरसल पशुओ चाहे गाय,भैस,बकरी या पालतू पशु यानी कुत्ता,बिल्ली व्दारा विषैले पदार्थ के सेवन से होनेवाली विषबाधा के लिए काफी असरदार साबित होता है। 
जब किसी विषबाधा होनेवाली पशुओ को एक्टिवेटिड चारकोल दिया जाता है तो,
Activated Charcoal पशुओ के आंत में फसे विषाक्त पदार्थो और रसायनो को फसाकर, उनका अवशोषण को रोककर काम करता है। 

 एक्टिवेटेड चारकोल में छिद्रपूर्ण बनावट के कारण और इसमें एक विद्युत् आवेश होता है,  जिसकारण ये विषैले रसायन और गैस जैसे अणुओ को अपने तरफ अवशोषित करता है। और ये विषैले पदार्थ पेट में फ़ैलाने से रोकता है।

Activated Charcoal for Goat Poisoning Treatment

दोस्तों, अगर आप बकरी पालक है और आपके बकरी ने गलतीसे विषैला पदार्थ सेवन किया है तो इस हालत में काफी तेजी से करवाई करनी पड़ती है, अपने देश में पशुचिकिस्तक की कमी के चलते कईबार पशुओ को समयपर इलाज न मिलने के कारण पशुओ को मृत्युभी होजाती है।  ऐसे में अगर आपके पास कुछ ऐसा हो जो बकरियों को होनेवाली विषबाधा में बकरी का इलाज कर सके तो इससे अच्छीबात कोई और नहीं है। क्योकि जब किसी प्राणी को विषबाधा होती है तो मालक के पास काफी कम समय होता है, इस कम समय में अगर आपको पशुचिकिस्तक की सेवा मिल गयी तो अच्छी बात है वरना आपके बकरी की मृत्यु अटल होती है। 
दोस्तों, प्रगत देशोमे पशुपालक अपने फार्म पर activated charcoal हमेशा रखते है ताकि जबभी किसी पशुओ को विषबाधा होतो इसका इस्तेमाल किया जासके। 

दोस्तों अब भारत में भी एक्टिवेटेड चारकोल मिलता है। लेकिन इसके बारेमे पशुपालको में काफी कम जानकारी है। जिसकारण उपलब्ध होनेके बादभी पशुपालक इसका इस्तेमाल नहीं क्र सकते। दोस्तों आज इस पोस्ट के माध्यम से मैंने आपको बकरियों को होनेवाली विषबाधा के इलाज के लिए एक्टिवेटेड चारकोल के बारेमे बताने की कोशिश की है। 
दोस्तों ये प्रोडक्ट आप ऑनलाइन भी यानी ऑनलाइन खरीद सकते है।  एक्टिवेटेड चारकोल ऑनलाइन खरीदनेके लिए आप निचेदीगयी लिंक का इस्तेमाल कर सकते है। 




How to Use Activated Charcoal for Goat Poisoning

दोस्तो, जैसा कि मैंने आपको बताया बकरियो को विषबाधा होने पर बकरिया कुछ लक्षण दिखाती है। वह लक्षण मैन आपको ऊपर दिए है। अगर आपको ये लक्षण दिखाई देते है तो आप activated charcoal का इस्तेमाल करे। ये औषधि देने का तरीका कुछ इस प्रकार है।

Activeted Charcoal दो प्रकार में उपलब्ध होते है।

  • Powder Base Activated Charcoal
  • Gel / Liquid Base Activated Charcoal
दोस्तो, आपको मैं इस पोस्ट के माध्यम से Gel / Liquid Base Activated Charcoal का प्रयोग कैसे किया जाता है, इस बारेमे बताऊंगा।
Gel / Liquid Base Activated का इस्तेमाल काफी आसान होता है, जबभी आपके बकरियो को ऊपर दिए गए Goat Poisoning के लक्षण दिखे तो आप सबसे पहले ये gel / liquid base activated charcoal का इस्तेमाल करे।

  1. बड़े जानवरो के लिए :-  1-2 ml / kg body weight (500 ml as one dose)
  2. छोटे जानवरो के लिए (जिसमे बकरिया भी आती है ):-1-2 ml / kg body weight (Repeat after 12 hrs or as needed)

Images Source : Amazon.in
Credit :- Refit Animal Care

नोट : दोस्तों अगर आपके पशु को विषबाधा हुई है तो सबसे पहले पशुचिकिस्तक को दिखाए। प्राथमिक उपचार हेतु आप एक्टिवेटेड चारकोल का उपयोग कर सकते है।  ये वेबसाइट एक्टिवेटिड चारकोल बकरियों को होनेवाली विषबाधा का अचूक उपाय है ये नहीं कहती ये पोस्ट सिर्फ आपके जानकारी के हेतु है।
Goat Poisoning Treatment in Hindi Goat Poisoning Treatment in Hindi Reviewed by Nitesh S Khandare on October 26, 2019 Rating: 5

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