Importance Of Calories For Pregnant Goats


Importance Of Calories For Pregnant Goats

गर्भवती बकरियो के लिए कैलरीज का महत्व

नमस्कार दोस्तो,
goatfarming.ooo वेबसाइट में आपका स्वागत है, दोस्तो आज की पोस्ट काफी खास है , खासकर उनके लिए जिनके पास बकरिया है।
दोस्तो कईबार हमारी बकरियोका डिलिव्हरी के कुछ दिन पहले ही गर्भपात हो जाता है, इसकारण काफी सारे बकरी पालक परेशान रहते है। बकरियो का अंतिम समय मे गर्भपात होना इसका मुख्य कारण है ।
आजके इस पोस्ट में मैं आपको बकरियो के जीवन मे ऊर्जा यानी एनर्जी का क्या महत्व है इस बारे में बतानेवाला हूं।
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बकरियो के गर्भावस्था के दौरान आमतौर बकरी पालक बकरियो की खुराक में प्रोटीन की मात्रा बढ़ा देते है। कुछ बकरी पालक बकरी के आहार में फाइबर का महत्व जानकर फाइबर युक्त चारा देते है। उनके मांस में प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है। कुछ लंबे फाइबर के महत्व को पहचानते हैं। कुछ बकरी पालकको पता होता है कि बकरियोके गर्भावस्था में ऊर्जा यानी एनर्जी का महत्व कितना है। गर्भवती बकरी की पोषण संबंधी बीमारियाँ लगभग हमेशा आहार में ऊर्जा (कैलरी) की कमी के कारण होती हैं।

How Calories Work In Goat Body

Energy (कैलरी) एक ऐसी ऊर्जा होती है जो हर सजीव के शरीरमें ईंधन का काम करती है, और शारीरिक काम करने की ताकद देती है, जिसमें भ्रूण का विकास, दूध उत्पादन, शरीर का रखरखाव और वजन बढ़ना शामिल है। पर्याप्त energy (कैलरी) के बिना, बकरी का शरीर ऊर्जा के स्रोतों के रूप में उपयोग करने के लिए अपने शरीर का Fat (चरबी) और मांसपेशियों के ऊतकों को जलाना शरू कर देती है। यदि पशु (और मनुष्य) अधिक कैलरी जलाते है तो उनका वजन अपनेआप कम होने लगता है। 
बकरी के पेट मे पनपता भ्रूण बढ़ने के लिए, ऊर्जा (कैलोरी) की आवश्यकता होती है, विशेष रूप से गर्भधारण के अंतिम छह हफ्तों में। लेकिन हमलोग बकरी को साधारण  फीड (खुराक) और फाइबर (आमतौर पर घास) का मिश्रणही खिलाते है, यही से बकरी के गर्भपात की समस्या शुरू होती है।


 What Is Calories

ऊर्जा (कैलरी) को मेगा-कैलरी (एक मिलियन कैलरी) में मापा जाता है। कैलोरी तकनीकी रूप से एक गर्मी माप है और भोजन के जलने पर उत्पन्न गर्मी की मात्रा को संदर्भित करता है। सभी कार्बनिक पदार्थों का एक ऊर्जा मूल्य होता है। घास और चारा जैसी रेशेदार सामग्री में अनाज/ खुराक मि मिलनेवाले स्टार्च की तुलना में कम ऊर्जा (कैलर) होती हैं। 
सरल शब्दों में, अगर हम बकरियो को ऐसा फाइबर युक्त चारा खिलाएंगे जिसको पचाने मेही बकरी को ज्यादा कैलरी जलाना पड़े तो उस फाइबर युक्त चारे से मिलनेवाली कैलरी की गणना कम हो जाएगी।इसलिए बकरी को आसानी से पचने वाले चार या खिराक ही देना चाहिए। जिससे बकरी को कम ऊर्जा खर्च करके अच्छे मात्रा में कैलरी मिलती रहे।


 Diet Of Pregnant Goats

Starches (अनाज का सत्व) , अनाज (Khurak) मौजुद कार्बोहाइड्रेट बकरीके चारे (फ़ीड) में ऊर्जा का एक मुख्य आधार हैं। पौधों से जानवरों को Fat (वसा/चरबी) और तेल मिलते है जो अनाज का सत्व  (स्टार्च) की तुलना में प्रति पाउंड 2.5 गुना अधिक कैलरी मूल्य का उत्पादन करते हैं। हालांकि, वसा (Fats) स्टार्च और फाइबर से अलग तरीके से पचता है और इसलिए इसे जुगाली करने वाले जानवरो के फ़ीड में संयम से इस्तेमाल किया जाना चाहिए। जब बकरी को अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, उसके त्वचा के नीचे स्तित और आंतरिक अंगों के आसपास जमा चरबी का इस्तेमाल ऊर्जा के रूप में होता है। एक गर्भवती बकरी को पर बहुत मोटा ताजा करना एक छरहरे शरीर वाली गर्भवती बकरी के मुकाबले काफी धोकादायक होता है,  इसलिए गर्भवती बकरियो को "Feeding Up" मोटा ताजा करना गलत है। उसका पोषण संतुलन सही होना महत्वपूर्ण है।

बकरी के गर्भावस्था के दौरान पोषण से आनेवाली समस्याओं से बचने के लिए बकरियो को न्यूट्रिशन और घास का सही समतोल रखे नाकि बकरियो को Fat यानी चरबीसे भरपूर चारा या खुराक खिलाये।कईबार बकरियो को न्यूट्रिशियन की काफी कमी होती है, क्योंकि बकरियो को अपर्याप्त चारा दिया जाता है।  अगर बकरियो को कम क्वालिटी का चारा मिल रहा है तो आप बकरीयोको एक्स्ट्रा सप्लीमेंट देना चाहिए।

Pregnancy Toxemia In Goat

बकरियो में गर्भावस्था के अंतिम छह हफ्तों के दौरान कभी भी Pregnancy Toxemia (गर्भावस्ता की विषाक्तता) हो सकती है, Goat Pregnancy Toxemia बकरियो में होने का मुख्य कारण बकरियो को जरूरतसे कम खिलाना या फिर अति मात्रा में खिलाना है।  Starving Toxemia (कम खिलाने से होनेवाली विषाक्तता) बकरियो के शरीरमे ऊर्जा (कैलरी) की कमी के कारण होती है। बकरियो के गर्भावस्था के अंतिम छह हफ्तों में विशेष रूप से पोषण का संतुलन महत्वपूर्ण होता है। बहुत अधिक अनाज खिलाना या गलत प्रकार का अनाज खिलाना आमतौर पर धोकादायक होता है। एक गर्भवती बकरी को अपनी पाचन संस्था सुचारू रखने के लिए और तेजी से बढ़ते भ्रूणके पोषण करने के लिए हरे चारे / लंबे फाइबर वाले घास की पर्याप्त मात्रा की आवश्यकता होती है।
बकरी off feed तब ही जाती है जब उसे फाइबर युक्त हरा चारा नही मिलता क्योकि बिना फ़ायबर के बकरी का पेट कोईभी भोजन पचा नही सकता।
एक बकरी तब खिलाती है जब उसे पर्याप्त मात्रा में फाइबर / रौग नहीं मिलता है क्योंकि रुमेन उसके बिना भोजन को पचा नहीं सकता है। जीन बकरियो के शरीरपर बहोत वसा यानी चरबी होती है और पेट मे भ्रूण होता है उस बकरी को Pregnancy Toxemia होने के आसार ज्यादा होते है। 

Symptoms Of Pregnancy Toxemia In Goat

बकरियो को गर्भावस्ता में होनेवाली Preganancy Toxemia के लक्षण निम्नलिखित है।

1) बकरियो का ऑफ फीड (चारा खाना बंद करना) होना ।
2) बकरियो की आंखे सुस्त दिखना ।
3) बकरियो की चाल धीमी होना।
4) बकरिया कमजोर दिखाना और उन्हें कपकपी छूटना।
5)  बकरियोका दांत पीसना।
6) बकरियो में पैर की सूजन और बकरी कोमा में भी जा सकती है।
इन लक्षणों में से प्रत्येक अलग-अलग परिस्थितियों में विभिन्न समस्याओं का प्रतिनिधित्व कर सकता है, जब भ्रूण गर्भाशय में मर जाते हैं, तो टॉक्सिमिया होता है क्योंकि बकरियो के उदर में मृत भ्रूण सड़ जाता है, शरीर उसके अंदर सड़ जाता है। यह सब गर्भावस्था के दौरान बकरी को अनुचित फीडिंग के कारण होता है।

इसलिए ये बात ध्यानमें रखे कि बकरियो को ज्यादा खिलाने के बजाय पोषक और न्यूट्रिशन से भरपूर चारा औऱ खुराक ही खिलाये।



Importance Of Calories For Pregnant Goats Importance Of Calories For Pregnant Goats Reviewed by Nitesh S Khandare on January 28, 2019 Rating: 5

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