"Bakara Palan" High Profitable Business Hindi

"Bakara Palan" High Profitable Business

नमस्कार दोस्तो,
"Bakara Palan" High Profitable Business Hindi  इस लेख में आपका स्वागत है । दोस्तो बकरी पालन व्यवसाय में बकरी से ज्यादा बकरो से मुनाफा मिलता है । बकरियोंसे मिलने वाले दूध की मांग की तुलना अगर बकरो की मांस से की जाए तो हम पायेंगे कि बकरो के मांस की ज्यादा मांग है। क्योकि भारत मे जब से गो मांस की विक्रीपर सरकार द्वारा बंदी आयी है, तबसे बकरो मांस की मांग में तजीसे इजाफा हुवा है । इसलिए अगर आप बकरी पालन की बजाय "Bakara Palan" करे तो आपको कम समय मे अधिक मुनाफा मिल सकता है। आजके इस पोस्ट में हम "Bakara Palan" कैसे करते है, और कैसे इस व्यवसाय से ज्यादा मुनाफा पा सकते है ये जानेंगे । तो चलिए शुरू करे ।
                                  Bakara palan 

Selection of Kid "Bakara" (शिशु बकारो का चयन)

Bakara Palan Business में सिर्फ बकरो को ही पाला जाता है , खास कर 03 महीने के छोटे बकरो का पालना चाहिए । जिन नर बकरो का शरीर का वजन जन्म के समय 3 से 4 किलो हो उनका चयन करना काफी फायदेमंद होता है । क्योकि उन बकरो को शारीरिक वाढ तेजीसे होती है और उनका वजन भी तेजी से बढ़ता है । बकरे स्वस्थ होने चाहिए, उनमे कोई शारीरिक कमी नही होना चाहिए।  उनके शरीर की ऊंचाई और लंबाई एक समान होनी चाहिए तथा उनके पैर और बाल चमकदार होने चाहिए। इन शारीरिक विशेषतः वाले Bakaro का चयन किया जाना चाहिए, क्योकि इन bakaro की काफी मांग होती है ।

Selection of Breed (बकरो के नस्ल का चयन)

"Bakara Palan" व्यवसाय में बकरो को मांस उत्पादन के उद्देश्य से ही पाला जाता है। इसलिए बकरो के नस्ल की चयन करते समय विशेष ध्यान देना अति आवश्यक होता है। भारत मे कुछ चुनींदा बकरो की नस्ले है जिनका मांस स्वादिष्ट होता है और मांस की ज्यादा मांग होती है, जैसे उस्मानाबादी, मारवाड़ी, काठेवाडी, कच्छी, सिरोही ये कुछ ऐसी bakaro की जाती है जिनके मांस की मांग होती है । अगर आप इन नस्लो से बकरा पालन शुरू करेंगे तो आप ज्यादा मुनाफा हो सकता है।

Kid Management (बकरो का प्रबंधन)

बकरो के बच्चो का व्यवस्थापन करना काफी महत्वपूर्ण होता है। अच्छे प्रबंधन से बकरो के स्वास्थ हम ठीक रख सकते है और परिणामस्वरूप अपना बकरा पालन व्यवसाय में मुनाफा दिखता है। जन्म के तुरंत बाद बकरे को उसके माँ का पहला गाढ़ा दूध पिलाना चाहिए। जिसके कारण उन बकरो की रोग प्रतिकारक शक्ति बढ़ती है। बकरो की नाभी शरीर से 1 या डेढ़ इंच दूरी से काटनी चाहिए, और उस नाभि को आयोडीन या डेटोल द्रावण में डुबाना चाहिए ताकि उस नाभीपर बैक्टीरियल इन्फेक्शन ना हो। इस नाभि को 02 से 04 दिनतक आयोडीन द्रावण लगाते रहना चाहिए। अगर आप बकरो को बाहर से खरीद रहे है और उसे पहली बार अपने शेड में ला रहे हो तो उन बकरो को तनाव महसूस होता है। इसलिए बकरो को थोड़ा छाछ पिलाना चाहिए ताकि वह तनाव मुक्त रहे। bakaro को योग्य मात्रा में हरा चारा और थोड़ी थोड़ी मात्रा में खुराक खिलानी चाहिए। ताकि उनकी बढ़वार अच्छी हो।

Health Management of "Bakara" (बकरो का स्वास्थ व्यवस्थापन)

नवजात बकरो की रोग प्रतिकार शक्ति काफी कमजोर होती है, वे किसीभी बिमारिके चपेट में आसानीसे आ सकते है साथही वो संक्रामक बिमारिओ के प्रति भी काफी सवेंदनशील होते है। इसलिए बकरों को रोग प्रतिकारक टिके लगवाने चाहिए। पेट के कीड़े मारने के लिए बकरों को जंतनाशक दवाई भी पिलानी चाहिए । बकरों को अगर कम उम्र में ही खस्सी कराया गया तो उनके व्दारा खाए गये चारे और खुराक से हासिल की गई की उर्जा उनके शरीरभार बढ़ाने और उनके शरीर पर मांस की वृद्धी होती है बकरों के बालो को रोजाना साफ़ करे ताकि शरीर पर पनप रहे जुए और पिस्सू का सफाया हो और उनके शरीर में रक्तभिसरन अच्छे से हो सके

Feed Management of “Bakara” ( बकरों का चारा व्यवस्थापन)

बकरों को हरे चारे और सुका चारा आवश्यक होता है। विशेष तौरपर बनाया गया खुराक रोजाना २५० ग्राम देना चाहिए और वयस्क बकरों को रोजाना ३४० से ४४० ग्राम खुराक देनी चाहिए। खनिज मिश्रण के साथ साथ बकरों को लीवर टॉनिक भी देना चाहिए।

Shelter Management for “Bakara” (बकरों के लिए आसाव व्यवस्थापन)

विपरीत हवामान जैसे तेज धुप, थंड और बारिश से बकरों का बचाव हो एस तरह बकरों के आवास का व्यवस्थापन करना चाहिए । आवास में ज्यादा खर्चा करना अपने मुनाफे को घटा सकता है। इसलिए साधा और टिकाऊ आवास बनाने पर जोर दे। दो महीने में एक बार आवास में डेल्टामेथ्रिन दवा का छिडकाव करना चाहिए ताकि आवास में पिस्सू तथा अन्य परजीवी का प्रादुर्भाव ना हो सके । बकरों के आवास को सुखा और साफ़ रखने का प्रयास करे जिस जगह पर ज्यादा गीलापन हो रहा हो वहापर पर मुरुम डालना चाहिए।

बकरों का शारीरिक बढ़त जानने के लिए उनका हर महीने शरीर का वजन कर लेना चाहिए। बकरे तिन माह के उम्र में उनका शरीर भार लगभग १५ किलो, ०६ माह के उम्र में ३० किलो होनाही चाहिए तभी इस व्यवसाय में मुनाफा हो सकता है। बकरों के शारीरिक बिकास का लेखा जोखा रखना चाहिए। ताकि हमे हमारे काम अंदाजा लग सके।

Sale Management of “Bakara” (बकरों को बिक्री व्यवस्थापन)

तयार बकरे कुर्बानी के लिए बेचने का प्रयास करने से हमे ज्यादा मुनाफा मिल सकता है। साथही कुछ अच्छे तयार बकरे बकरी फार्म वाले लोगो के प्रजनन हेतु बेच सकते है। और बचे हुवे बकरे खुले बाजार में बेचना चाहिए।

दोस्तों इसतरह हम Bakara Palan करके ज्यादा मुनाफा कमा सकते है।

"Bakara Palan" High Profitable Business Hindi "Bakara Palan" High Profitable Business Hindi Reviewed by Nitesh S Khandare on September 15, 2018 Rating: 5

No comments:

Note: Only a member of this blog may post a comment.

Powered by Blogger.